Friday 17 January 2020

श्री हेमचन्द जी पुरोहित

सज्जनों किसी ने ठीक ही कहा है की " जननी जणे तो भक्त जण के दाता के सूर नहीं तो रहेजे बाजडी ,मत गूमाइजे नूर ' 6 अक्टूबर 1950 कॉ माता किशनप्यारी जी की कोख से श्रीमान जयनारायण जी पुरोहित (रोडजी पुरोहित ) के यहा एक पुष्पपल्लवित हुवा जो अपने क्रियाकलापों , लगन , कड़ी मेहनत साक्षेप समाज सेवा आदी के वशीभूत होकर आज हमारे समाज कॉ एक वट वृक्ष जेसी शीतलता प्रदान कर रहा हे श्री पुरोहित ने 1971 मे अपनी स्नातक की शिक्षा पूर्ण कर जीवन निर्वाह हेतु 1973 मे मुंबई आए छोटे मोटे रोजगार करते आपने 1991 मे अपने पैर मुंबई स्टॉक एक्सचेंज मे जमा लिए 1991 से जो उन्नति निरन्तर अग्रसर होती रही आज तक आपने उसके पीछे मुडकर नहीं देखा धार्मिक , धीर - गंभीर , स्पष्टवादी , अनुशासन प्रिय समाज की हर गतिविधि मे बढ़चढ़ कर भाग लेने वाले श्री हेंमचंद जी का मानना हे की व्यक्ति केवल अपने व अपने परिवार के लिए ही नहीं अपितु अपने समाज के लिए भी उत्तरदायी हे । उसे धर्मनिष्ठ होना चाहिए ना की धर्म -भीरू भूमण्डलीकरण एव वेशवीकरण की इस इक्कीसवी सदी मे वही समाज अपने स्थापत्य कॉ बचाए रख सकेगा जो निरंतर उन्नति की सोच रखेगा उन्नति की सोच शिक्षा मे ही निहित हे जेसा की आपको विदित हे फलोदी मे बन चुका बहुउद्देशीय जयनारायण मोहनलाल पुरोहित महाविद्यालय क निर्माण आपने ही करवाया हे इसके अतिरिक्त फलोदी स्थित मालीयो का बास पाठशाला मे नव निर्माण एव फर्नीचर ,जोधपुर पुष्करणा हॉस्टल मे एक बड़ी रकम देकर निर्माण करवाया ,फलोदी एव लोर्डिया की कन्या पाठशाला ने फर्नीचर ,फलोदी कुंडल एव आसपास कयी गोशाला क निर्माण व आर्थिक सहायता; विधवा आश्रम मे विशेष सहयोग लोर्डिया के साई बाबा मंदिर फलोदी श्रीनाथ जी की हवेली ,वेद भवन आदि ने कमरे व नियमित सहयोग आप दे रहे हे फलोदी मे ही पुष्करणा कटला न 1 मे आपने विशेष आर्थिक सहयोग दिया हे फलोदी स्थित आदर्श विद्या मंदिर मे 35लाख लागत से हॉल आदि क निर्माण करवाया हाल ही मे राजकीय अस्पताल फलोदी मे सोनोग्राफी कक्ष व अन्य उपयोगी सुविधाओ का निर्माण आपने करवाया हे इस प्रकार विभिन्न क्षेत्रो , चाहे पुजा स्थल हों , शिक्षा प्रांगण हों , चिकित्सा क्षेत्र हों , विद्यालय महाविद्यालय हों या न्यात गंगा का कोई कटला या गोशाला ही क्यो न हों श्री हेमचंद पुरोहित ने अब तक करोडो रुपयो का दान कर यह स्पष्ट कर दिखाया हे की पुष्करणे केवल कमाना ही नहीं बल्कि उसे सर्वसमाज कल्य़ाणकारी सेवाओ मे खर्च करना भी जानते हे धन्य हे उनके परिवार क़ो जहा ऐसे रत्न ने जन्म लिया _करुणा से होता मनुज~मानवता पहचान। परहित में करते रहें~सदा नेह अनुदान।।.........मोहित एम पुरोहित 8290114198

महामानव सेठ अनोपचंद् जी हुडिया

फलोदी को आवश्यकता है आज फिर ऐसे महामानव की -- अब स्मृति शेष है -- महामानव स्व. अनोपचंद जी हुडिया " सेवा ही परमोधर्म व अहिंस...