Thursday 27 June 2019

माँ लटियाल विनय गाथा

नवल जोशी
¤ श्री लटियाल विनयगाथा...(२)
                   - नवल जोशी रचित
(कल प्रेषित काव्यरचना का शेषांश
छंद संख्या ५से ९,छप्पय व पाठफल)
                    #छंद-सारसी#
 #शिवशंभवाणी शंखपाणी निर्मलाणी नाहरी
जनहीन जंगळ मांय मंगळ जगमगाणी जाहरी ।
आशापुराणी माडराणी ईशराणी *आवड़ी
लटियाळ माता मेट व्याधा टाळ बाधा मावड़ी ॥५॥

  *आवड़ी= लोकपूज्य आवड़ माता
                          (संदर्भ ग्रंथों के अनुसार शास्त्रोक्त देवी हिंगलाज के प्रथम पूर्णावतार के रूप में प्रतिष्ठित लोकदेवी-आवड़ा/आवड़ी,आई माता,तनोटराय,तेमड़ाराय,भादरियाराय, घंटियाली आदि 52 नामों से विभिन्न स्थानों पर पूजी जाती है,जिनमें एक नाम 'लटियाल' भी है ॥५॥)

#सिणगार सुंदर पाट मन्दर आभमण्डल केशरी
आलोक ओजस ताप तेजस रूप राजस ईशरी ।
सद्काज आयुध धार चौकस सिंह पर असवारड़ी
लटियाळ माता मेट व्याधा टाळ बाधा मावड़ी ॥६॥

ब़ाजंत ब़ाजा घोर गाजा स्वार-सांझां आरती
डमडम्म डंकां नाद शंखां दिग-दिगंतां भारती ।
नारेळ चढ़ता माथ नमता पावड़ी दर पावड़ी
लटियाळ माता मेट व्याधा टाळ बाधा मावड़ी ॥७॥

जन-आपदा दुख दूर करणी खेम करणी खेमदा 
आई *असांजै नगर नाजै हीय *मांझै हेमदा ।
फलवृद्धिका फलदाय भक्तन पालिका परचावड़ी
लटियाळ माता मेट व्याधा टाळ बाधा मावड़ी ॥८॥
*असांजै=हमारे           *मांझै=मेरे/भीतर

माता विलक्षण पूत-रक्षण गुण सुलक्षण दीजिये
अरदास बारम्बार अम्बा आस पूरण कीजिये ।
कवि 'नवल' भज्जे काज सज्जे लाज रखजे आवड़ी
लटियाळ माता मेट व्याधा टाळ बाधा मावड़ी ॥९॥

¤ छप्पय:
अवनी नगर उदार , प्राचि दिस द्वार फळोदी ।
दिव्य धाम दरबार , परम लटियाळ प्रमोदी ॥
प्रबल भक्त प्रतिपाल , सबल सिंह पीठ सवारी ॥
मरु लटियाळी मात , भव्य दरसण भवतारी ॥
सदकाज सगळा सिद्ध कर-आबद्ध कवि 'जोशी' कथै ।
भर अंक रखजै बद्ध माँ हरवक्त आसीसां मथै ॥

                   ¤ छंद- सारसी ¤                             ¤ पाठ-फळ-
आ विनयगाथा विनत माथा पाठ साचा जो करै
सुख सांयती निधि नेह व्यापै सिद्धि साध्यां वापरै ।
कर दूर कंटक मेट संकट विकट जट सुलझावड़ी
लटियाळ माता मेट व्याधा टाळ बाधा मावड़ी ॥

#सद साल चहुवत्तर हजारी दोय आसू माह नै
सुद आठमी तिथि कवि ह्रिदै लटियाळ हरसी आयनै ।
गाथा रचाई आप माई कण्ठ कवि विरदावड़ी
लटियाळ माता मेट व्याधा टाळ बाधा मावड़ी ॥

#विक्रम संवत 2074 तिथि आश्विन शुक्ल अष्टमी के दिन माँ लटियाल की परम पुनीत प्रेरणा से इस रचना का सृजन हुआ
                      © कवि नवल जोशी
                 
संपूर्ण रचना की स्लाइड सज्जा के लिये श्री Morardan Gadhavi,कार्तिकेय आर्ट्स,मोरझर(कच्छ) गुजरात का हार्दिक आभार

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