Saturday 12 October 2019

पुजारी बाबा

पंडित जुगल किशोर जी ओझा जिन्हें प्यार और सम्मान से हम सब 'पुजारी बाबा' कहते है, फिर बसों से लोगो को रामदेवरा, आशापुरा, बाप के भेरू जी, लटियाल माता, कोलायत के कपिल मुनि और कोडमदेसर भेरूजी के दर्शन कराने धार्मिक यात्रा पर ले जा रहे है। एक लम्बा और अनूठा सिलसिला है ये। एक ऐसी परम्परा, जिसके प्रणेता है पुजारी बाबा जी और साक्षी है हम सब बीकानेर वाले। हमारे बीकानेर के अमूल्य रत्नों में से एक है पुजारी बाबा जी। जाने कितने साल हो गए शहरवासियों की सेवा में उन्हें तल्लीन देखते हुए। कितनी ऊर्जा है उनमें दूसरों की सेवा करने की, दूसरों की पीड़ा दूर करने की। जहां तक मेरी जानकारी है, शायद 1970 के आस पास ये यात्रा शुरू की थी पुजारी बाबा ने जो आज दिन तक लगातार जारी है। एक बस से शुरू हुई थी ये पुनीत यात्रा जो अब लगभग डेढ़ सौ बसों तक पहुच चुकी है। इन सभी बसों में अपने माता-पिता के साथ जाने वाली अविवाहित बच्चियों से कोई किराया नही लिया जाता है और बाकी सभी यात्री भी किराया दे दे तो ठीक वरना कोई अनिवार्य नही है। पूरे रास्ते चाय-नाश्ते के अलावा रामदेवरा में एक दिन सुबह 11 से रात 11 तक कढ़ाही का प्रसाद भी होता है। ऐसे संस्कार और परंपराओं से ही बीकानेर जीवित है और पुजारी बाबा जैसे सम्मानीय लोगो से ही हमारे बीकानेर का नाम है। पुजारी बाबा स्वस्थ रहें, आनंद से रहे और इसी तरह समाज और बीकानेर के भले के लिए मजबूती से खड़े रहे, डटे रहें। उनका आशीर्वाद प्रेरणा बन सभी को ऊर्जावान बनाये रखे।

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